20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान ,पर पैसा आयगे कहा से ?
कोरोना वायरस की वजह से सुस्त पड़ी देश की इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए प्रधानमंत्री जी ने विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 12 मई 2020 को कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। मंगलवार 12 मई 2020 को पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के इस निर्णय में रिजर्व बैंक की घोषणाओं को मिलाकर यह पैकेज करीब 20 लाख करोड़ रुपये का होगा। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद यानी (जीडीपी) का लगभग 10 प्रतिशत है। इस पैकेज के बारे में विस्तृत ब्योरा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देंगी। लेकिन सवाल है कि इस आर्थिक पैकेज के लिए सरकार के पास पैसे कहां से आएंगे। इसके लिए सरकार ने कर्ज लेने का निर्णय लिया है।
दरअसल, सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए बाजार से कर्ज लेने का लक्ष्य बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। अहम बात ये है कि आम बजट में इसका लक्ष्य 7.8 लाख करोड़ रुपये रखा गया था। इसका मतलब यह है कि इस साल सरकार अतिरिक्त 4.2 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेगी। बीते दिनों सरकार की ओर से कहा गया था कि कोरोना संकट के कारण कर्ज के लक्ष्य को बढ़ाना जरूरी हो गया था। पहली छमाही में 6 लाख करोड़ रुपये मार्केट गिल्ट (बॉन्ड) के रास्ते से जुटाई जाएगी। इस पैसे को कोरोना से इकोनॉमी को बचाने पर खर्च किया जायगा।
बीते दिनों जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने कहा था कि सरकार 12 लाख करोड़ रुपये का उधार बाजार ले रही है। इससे राजकोषीय घाटा 5.5-6 फीसदी तक जा सकता है जबकि इस साल के लिए सरकार ने इसके 3.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। सरकार के लिए इस राजकोषीय घाटे को कम करना एक चुनौती पूर्ण कार्य है। हालांकि, इसके लिए तरह-तरह के उपाय भी किए जा रहे हैं. मसलन, पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाने से सरकारी खजाने में लगभग 1.3 लाख करोड़ रुपये आएंगे। बाजार के मुताबिक इस समय कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है, ऐसे में सरकार के लिए टैक्स लगाना और आसान हो गया है। इससे आम जनता को पेट्रोल-डीजल पर कोई बड़ी राहत तो नहीं मिल रही है। लेकिन कीमतों में बहुत ज्यादा फर्क भी नहीं पड़ेगा।
इस समय रिजर्व बैंक भी सरकार की मदद करेगा। आरबीआई मोटे तौर पर करेंसी और सरकारी बॉन्ड की ट्रेडिंग से मुनाफा कमाता है इन कमाई का एक हिस्सा आरबीआई अपने परिचालन और इमरजेंसी फंड के तौर पर रखता है। इसके बाद बची हुई रकम डिविडेंड के रूप में सरकार के पास जाती है।
स्त्रोत आजतक न्यूज़ एंड सोशल मीडिया